प्राथमिकता समायोजन, अनुश्रवण और मूल्यांकन (पीएमई) अनुसंधान प्रबंधकों के लिये प्राथमिकता के अनुसार अनुसंधान संसाधन आवंटन, प्रासंगिकता, अनुश्रवण और परियोजनाओं के मूल्यांकन और प्रणाली में जवाबदेही के लिए एक प्रभावी उपकरण है। पीएमई इकाई, संस्थान की अनुसंधान परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी और मूल्यांकन करता है तथा अनुसंधान और तकनीकी गतिविधियों का समन्वय करता है। इसके अलावा, अनुसंधान प्रकाशनों, अनुसंधान परियोजना फाइलों, तकनीकी पत्राचार और तकनीकी रिपोर्टों के संकलन की सुविधा और निगरानी भी करता है। यह भा.कृ.अनु.प के अनुसार एक अनिवार्य समिति है जिसकी निम्नलिखित संदर्भ की शर्तें हैं:
पीएमई के कार्य
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क्यूआरटी, आरएसी, आईआरसी कि सिफारिशों का समन्वय और संश्लेषण करना, संस्थान के दूरदर्शी दस्तावेजों और परिषद् द्वारा संस्थान की अनुसंधान प्राथमिकताओं को जो फसल/ प्रभाग/ /कार्यक्रमों, सामग्री/ पशुधन इत्यादि से सम्भंदित हैं, उन्हे हल करने के लिए संक्षिप्त सूची में रखना।
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अनुसंधान परियोजनाओं की वार्षिक प्रगति को संस्थान के निदेशक के समक्ष प्रस्तुत करना।
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प्रत्येक चल रही और पूर्ण परियोजनाओं परियोजना का आंतरिक और बाहरी विशेषज्ञों के माध्यम से वार्षिक समीक्षा और मूल्यांकन के लिए समन्वय और व्यवस्था करना।
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आंतरिक और बाहरी विशेषज्ञों के माध्यम से टेक्नोलाजी का सत्यापन और/या वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित सफल प्रौद्योगिकी का प्रभावी आकलन करना।
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प्रशिक्षण, कार्यक्रमों के माध्यम से अनुसंधान प्रबंधकों और वैज्ञानिकों का नियमित रूप से क्षमता का निर्माण करना।
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पिछले 10 वर्षों में शुरू की गई परियोजनाएं और चलित परियोजनाएं, प्रकाशनों, विकसित प्रौद्योगिकियों, आईपीआर, परामर्श आदि का ‘डेटाबेस बनाए रखना।
पीएमई का गठन
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प्रभारी के रूप में एक प्रधान वैज्ञानिक
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एक से तीन तकनीकी अधिकारी (संस्थान की श्रेणी के अनुसार)
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आवश्यक सचिवीय सहायता
पीएमई का स्टॉफ
क्रम संख्या
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नाम
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पद का नाम
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1
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डॉ. सी. सुदरामूर्ति
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प्रधान वैज्ञानिक, प्रभारी
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2
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एर. जी. टी. वी. प्रभु
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वैज्ञानिक, नोडल अधिकारी
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3
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श्री आनंद आर जाधव
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तकनीकी अधिकारी
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4
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श्रीमती हेमांगी रूपेश पेडनेकर
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तकनीकी अधिकारी
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