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निगरानी रचना

संस्थान में चल रहे अनुसंधान गतिविधियों की निगरानी विभिन्न समितियों द्वारा की जाती है:-

परियोजना निगरानी और मूल्यांकन समिति (पीएमसी)

परियोजना निगरानी और मूल्यांकन समिति (पीएमसी), पीएमई इकाई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों पर विचार-विमर्श करती है और संस्थान की अनुसंधान प्राथमिकताओं पर निर्णय लेती है। पीएमसी, एक विशेषज्ञ समिति के माध्यम द्वारा गठित है, जो अनुसंधान परियोजनाओं की वार्षिक प्रगति का मूल्यांकन करती है और पीएमई सेल को रिपोर्ट प्रस्तुत करती है। पीएमसी, विशेषज्ञों की एक समिति के माध्यम से पूर्ण परियोजनाओं का सत्यापन भी करती है।

संस्थान अनुसंधान परिषद (आईआरसी)

संस्थान अनुसंधान परिषद (आईआरसी) में संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष और वैज्ञानिक भाग लेते हैं और निदेशक इस समिति के अध्यक्ष होते हैं। आईआरसी में परियोजनाओं के प्रस्तावों को मंजूरी दी जाती है। वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सालाना दो बार आईआरसी की बैठकें आयोजित की जाती हैं।

अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी)

आईआरसी, संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों को समग्र दिशा देती है और यह अनुसंधान प्रगति की समीक्षा भी करती है। समिति की सिफारिशों को परिषद द्वारा अनुमोदित किया जाता है। समिति में विभिन्न क्षेत्रों से आये विशेषज्ञों का एक पैनल होता है, जिसमें संस्थान अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करता है। समिति की अवधि तीन साल के लिए है। समिति की बैठक वर्ष में एक बार होती है।

क्विनक्वेनियल रिव्यू टीम (क्यूआरटी)

परिषद् द्वारा नियुक्त यह टीम पांच साल की अवधि में एक बार संस्थान के कामकाज की समीक्षा करती है। समीक्षा पूरी होने के छह महीने के भीतर टीम की रिपोर्ट परिषद को प्रस्तुत की जानी होती है जिसे भा.कृ.अनु.प के शासी निकाय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। यह समीक्षा, शासी निकाय को संस्थान की पारदर्शिता और जवाबदेही का एक तंत्र प्रदान करती है। संस्थान द्वारा एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) के माध्यम से जीबी द्वारा की गई सिफारिशों का ध्यान रखा जाता है, जिसकी समीक्षा प्रत्येक अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठक (आरएसी) के दौरान की जाती है।

क्विनक्वेनियल रिव्यू टीम (QRT)

प्राथमिकता, अनुश्रवण और मूल्यांकन (पीएमई)

परियोजना अनुश्रवण और मूल्यांकन समिति (पीएमसी)

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